Wednesday, November 10, 2010

छत्तीसगढ़ - Nov 09, 2010

छत्तीसगढ़ भी जुड़ेगा प्राकृतिक गैस पाईप लाईन से

मुख्यमंत्री के समक्ष नियामक बोर्ड के अध्यक्ष ने दिया प्रस्तुतिकरण

 रायपुर, 09 नवम्बर 2010

3637-091110

 मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज सवेरे यहां मंत्रालय में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के अध्यक्ष श्री एल. मानसिंह ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष कम्प्यूटर आधारित प्रस्तुतिकरण में उन्हें गुजरात के सूरत शहर से उड़ीसा के पाराद्वीप बंदरगाह तक करीब डेढ़ हजार किलोमीटर गैस पाईप लाईन बिछाने की प्रस्तावित परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह लगभग छह हजार करोड़ रूपए की परियोजना है, जिसे सन् 2014 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए निविदाएं बुलाई जा रही हैं। बैठक में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री पी.जॉय उम्मेन, अपर मुख्य सचिव श्री सरजियस मिंज, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री एन. बैजेन्द्र कुमार और तेल एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड के सदस्य श्री बी.एल. नेगी, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
 श्री मानसिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस पाईप लाईन का लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ से होकर उड़ीसा जाएगा। यह पाईप लाईन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर और महासमुंद जिले से होकर उड़ीसा की ओर जाएगी। श्री मानसिंह ने इस परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से एक नोडल अधिकारी नामांकित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य के औद्योगिक विकास की जानकारी दी और उन्हें यह भी सुझाव दिया कि इस परियोजना के तहत राज्य के रायगढ़, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा जिलों को भी शाखा-पाईप लाईन के जरिए जोड़ा जाना चाहिए। श्री मानसिंह ने बताया कि इस प्राकृतिक गैस का उपयोग उद्योगों के साथ-साथ सी.एन.जी. से वाहन चलाने के लिए और घरेलू रसोई गैस के रूप में भी किया जा सकेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना के तहत पाईप लाईन देश के जिन शहरों से होकर गुजरेगी, वहां के रसोई गैस उपभोक्ताओं को पाईप लाईन के जरिए गैस कनेक्शन से भी जोड़ा जा सकेगा। वर्तमान में देश के 22 बड़े शहरों में रसोई गैस उपभोक्ताओं को पाईप लाईन के जरिए एल.पी.जी. दी जा रही है। 
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण में श्री मानसिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली इस परियोजना में पाईप लाईन बिछाने के कार्य में कुशल कामगारों के रूप में वेल्डर, प्लम्बर, फीटर इत्यादि तकनीकी रूप से प्रशिक्षित लोगों की भी जरूरत होगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि राज्य में कौशल विकास मिशन संचालित किया जा रहा है। इसके जरिए बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रशिक्षित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें आदिवासी क्षेत्र के युवाओं को अधिकाधिक जोड़ा जा रहा है। हमारे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी इस प्रकार के विभिन्न ट्रेडों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मानव संसाधन के रूप में छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्रदेश के बाहर भी देश के विभिन्न हिस्सों में कार्य करने का अवसर मिल सकेगा।



छत्तीसगढ़ के युवाओं को वायु सेना में शामिल होने का सुनहरा मौका

राजधानी में पन्द्रह और अठारह नवम्बर को होगी भर्ती रैली

     रायपुर, 09 नवम्बर 2010

छत्तीसगढ़ के युवाओं को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर भारतीय वायु सेना में शामिल होने का सुनहरा मौका जल्द मिलने जा रहा है। राजधानी रायपुर के शासकीय विज्ञान महाविद्यालय मैदान में इसके लिए इस महीने की पन्द्रह और अठारह तारीख को भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के युवाओं को वायु सेना से जोड़ने के लिए केन्द्र के 3633-3स्तर पर भी इस बारे में समय-समय पर पहल की थी। पिछले महीने की छह तारीख को भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने रायपुर का दौरा किया था और यहां उन्होंने मुख्यमंत्री से सौजन्य मुलाकात कर उन्हें इस भर्ती रैली की योजना की जानकारी दी थी।
 वायु सैनिक चयन केन्द्र भोपाल के अधिकारियों के अनुसार रायपुर में आयोजित की जा रही भर्ती रैली में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के युवा अपनी पात्रता के अनुसार शामिल हो सकेंगे। भर्ती के लिए निर्धारित आयु सीमा के अनुसार उनका जन्म एक जनवरी 1990 से 31 मार्च 1994 के बीच होना चाहिए। ऊंचाई कम से कम 152.5 सेन्टीमीटर निर्धारित की गयी है। ग्रुप एक्स 'तकनीकी' श्रेणी के लिए भर्ती रैली 15 नवम्बर को आयोजित की जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए अभ्यर्थी को गणित, अंग्रेजी और भौतिकी विषयों के साथ इन्टरमीडियट अथवा 10+2 या समकक्ष परीक्षा 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना या किसी सरकारी मान्यता प्राप्त  पॉलिटेक्निक से इंजीनियरिंग (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल्स, इलेक्ट्रानिक्स, आटोमोबाईल, कम्प्यूटर विज्ञान, इंस्टमेंटेशन प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी) से तीन वर्षीय डिप्लोमा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों सहित उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
    ग्रुप वाई (गैर तकनीकी) श्रेणी की भर्ती रैली 18 नवम्बर को होगी। इस3633-091110में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए विज्ञान, कला या वाणिज्य संकाय में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ इन्टरमीडियट अथवा 10+2 परीक्षा पास होना या व्यावसायिक पाठ्यक्रम केवल सी.बी.एस.ई. और केरल बोर्ड जो एसोसिएशन ऑफ  इंडियन यूनिवर्सिटी के द्वारा मान्यता प्राप्त हो, नेशनल ओपन स्कूल से उत्तीर्ण उम्मीदवार भी इस भर्ती रैली के लिए पात्र होंगे। उम्मीदवारों को सात नवीनतम पासपोर्ट साईज कलर फोटो, शैक्षणिक योग्यता और एन.सी.सी. यदि हो तो उसके प्रमाण पत्र की मूल प्रति तथा तीन सत्यापित छाया प्रतियां, दो 24x10 सेंटीमीटर साईज के सफेद लिफाफे, मूल निवास प्रमाण पत्र, सभी दस्तावेजों की तीन सत्यापित फोटो कापी के साथ साइंस कॉलेज मैदान में निर्धारित तिथि को प्रातः पांच बजे उपस्थित होना होगा। तकनीकी ग्रुप में भर्ती के लिए 15 नवम्बर को तथा गैर तकनीकी ग्रुप में भर्ती के लिए 18 नवम्बर को शासकीय विज्ञान महाविद्यालय मैदान में सवेरे पांच बजे से दस बजे तक उम्मीदवारों को टोकन दिए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि टोकन प्राप्त उम्मीदवार ही चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। चयन प्रक्रिया के तहत लिखित परीक्षा ग्रुप एक्स, तकनीकी के लिए गणित, भौतिकी, अंग्रेजी- 60 मिनट,  ट्रेड आवंटन टेस्ट (केवल ग्रुप एक्स के लिए), ग्रुप  वाई (गैर तकनीकी) - अंग्रेजी, तर्क शक्ति एवं सामान्य जागरूकता- 45 मिनट, वस्तुनिष्ठ एवं द्वि-भाषीय (अंग्रेजी छोड़कर) प्रश्न पत्र, शारीरिक फिटनेस परीक्षा - आठ मिनट में 1600 मीटर दौड़, साक्षात्कार और चि3633-2-091110कित्सा परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा के परिणाम उसी दिन घोषित हो जाएंगे। इसके बाद उम्मीदवारों का फिजिकल टेस्ट होगा। इसके बाद वायु सेना के अधिकारी उत्तीर्ण उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेंगे। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने पिछले माह की छह तारीख को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मंत्रालय में मुलाकात करके इस विशेष भर्ती रैली की कार्य योजना के संबंध में जानकारी दी थी।
वायु सेना के अधिकारियों ने यह भी बताया कि चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के दौरान पांच हजार 700 रूपए प्रति माह वृत्तिका दी जाएगी। प्रशिक्षण के उपरान्त ग्रुप एक्स के चयनित उम्मीदवारों की कुल परिलब्धियां 15,062 रूपए और ग्रुप वाई की 13,284 रूपए प्रतिमाह होगी, जो बाद के वर्षो में पदोन्नति पर 27 हजार 368 प्रतिमाह तक बढ़ सकती है, इसके साथ उन्हें निःशुल्क राशन, कपड़ा, आवास और चिकित्सा सुविधा की पात्रता होगी। नियमानुसार उन्हें छुटिट्यों एवं यात्रा में रियायत की पात्रता भी होगी। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए वायु सैनिक चयन केन्द्र भोपाल के अधिकारियों से टेलीफोन नम्बर 0755-2660634 पर अथवा मोबाइल फोन नम्बर 94799-59970 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।


मुख्यमंत्री आज भिलाई जाएंगे

रायपुर, 09 नवम्बर 2010

    मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह कल 10 नवम्बर को भिलाई के संक्षिप्त प्रवास पर जाएंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री रायपुर से अपरान्ह 3.10 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर अपरान्ह 3.30 बजे गर्ल्स हायर सेकेण्डरी स्कूल ग्राउण्ड भिलाई-3 पहुंचेंगे और वहां नगर पालिका परिषद भिलाई-चरौदा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद शाम 4.55 बजे रायपुर लौट आएंगे।


आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक सम्पन्न:जनजातियों के विकास से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श


 रायपुर, 09 नवम्बर 2010

   मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय में आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में गृह मंत्री श्री ननकीराम कंवर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री लता उसेण्डी, सांसद श्री सोहन पोटाई सहित परिषद के अन्य अनेक सदस्य और अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक में प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
डॉ. सिंह ने आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में लघु सिंचाई योजना प्रारंभ करने और संभागवार सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में सिंचाई का रकबा बढ़ाया जा सके। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आदिवासी उप योजना क्षेत्र में सिंचाई परियोजना के लिए केन्द्र सरकार से 90 प्रतिशत राशि प्राप्त होती है। 

   बैठक में बताया गया कि जशपुर, सरगुजा, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा जिले में भुईयां जाति को छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री कश्यप के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल नई दिल्ली जाकर उक्त प्रक्रिया को त्वरित गति देने के प्रयास करें। बैठक में बताया गया कि आदिम जाति विभाग द्वारा 2010-11 में युवा कैरियर निर्माण योजना के तहत इस वर्ष 78 आदिवासी छात्रों का चयन कर प्रदेश के तीन कोचिंग संस्थाओं में प्रवेश दिलवाया गया, जहां उन्हें आई.आई.टी., ए.आई.ई.ई.ई., पी.ई.टी., पी.एम.टी. की कोचिंग दी जाएगी। इसके लिए नक्सल प्रभावित सात जिलों के कक्षा दसवीं उत्तीर्ण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए राजधानी रायपुर में आवासीय विद्यालय के रूप में 'प्रयास' संस्था प्रारंभ की गयी है। इस संस्था में 264 बच्चों को कक्षा 11वीं और 12 वीं की नियमित शिक्षा के साथ-साथ आई.आई.टी. आदि की कोचिंग दिलायी जा रही है। बैठक में बताया गया कि सभी 85 आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालयों में 50 सीटर पोस्ट मेट्रिक कन्या छात्रावास प्रारंभ किए जा चुके हैं। इसके अलावा इन विकासखण्डों में प्री-मेट्रिक कन्या छात्रावास और बालक छात्रावास भी खोले जाएंगे।
    बैठक में यह भी बताया गया कि गौण खनिज अधिनियम 1996 के तहत शासन की ओर से गौण खनिजों के लिए दिए जाने वाले लीज में अनुसूचित जनजाति की सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके तहत अब तक खनिज संसाधन विभाग द्वारा 230 आदिवासी समितियों को गौड़ खनिजों की लीज दी गयी है। इसी प्रकार परिवहन विभाग द्वारा बस, मिनी बस और जीप के परिचालन के लिए भी आदिवासी युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विशेष पुलिस अधिकारियों (एस.पी.ओ.) ठण्ड से बचाने के लिए जैकेट, कम्बल, जूते आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम के तहत अब तक दो लाख 14 हजार 668 हितग्राहियों को वन भूमि वितरित की गयी। अधिकारियों ने बताया कि आदिम जाति अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान द्वारा अब तक 71 हजार 526 जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया गया। इस संस्थान की जगदलपुर और सरगुजा क्षेत्रीय इकाई द्वारा भी सत्यापन किया गया। मुख्यालय स्तर पर वर्तमान में अनुसूचित जाति, जनजाति के कोई भी आवेदन सत्यापन के लिए लंबित नहीं हैं। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2010-11 में सरगुजा जिले के ओड़गी और भैयाथान विकासखण्ड में संचालित आश्रमों में निवासरत विद्यार्थियों को एक अतिरिक्त सेट यूनिफार्म, स्वेटर, बैग और जूता-मोजा दिया जा रहा है। इससे 1440 बच्चों को लाभ मिलेगा।
    बैठक में संसदीय सचिव श्री महेश गागड़ा और श्री ओम प्रकाश राठिया तथा छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री देवलाल दुग्गा सहित विधायकगण सर्वश्री सिध्दनाथ पैकरा, फूलचंद सिंह, जागेश्वर राम भगत, डूमरूधर पुजारी, ब्रम्हानंद नेताम, सेवकराम नेताम, डॉ. सुभाऊ कश्यप, श्री भीमा मण्डावी, श्रीमती नीलिमा सिंह टेकाम, श्रीमती सुमित्रा मारकोले, मुख्य सचिव श्री पी. जॉय उम्मेन, अपर मुख्य सचिव श्री सरजियस मिंज सहित परिषद के अन्य सदस्य और अधिकारीगण उपस्थित थे।



आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक अनुसूचित क्षेत्रों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने नियमों को शिथिल करने का प्रस्ताव

अभिकरण क्षेत्रों के बाहर निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों
को भी जोड़ा जाएगा अभिकरणों से
वन अधिकार मान्यता पत्र धारकों को भी मण्डियों में मतदाता के रूप में
जोड़ने के सुझाव पर सैध्दांतिक सहमति

 रायपुर, 09 नवम्बर 2010

     मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज शाम यहां मंत्रालय में आयोजित आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों में नियुक्तियों के लिए स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से नियमों के शिथिलीकरण का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बैठक में प्रदेश की पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए वर्तमान में कार्यरत अभिकरणों के कार्य क्षेत्र का विस्तार करने और उनमें अभिकरण क्षेत्रों के बाहर चिन्हांकित इन विशेष पिछड़ी जनजातियों की नवीन बसाहटों को भी शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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    परिषद की अनुशंसा के साथ इन नवीन बसाहटों में सर्वेक्षित परिवारों के लिए भी संरक्षण-सह-विकास की कार्य योजना तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजा जाएगा। अन्य सभी योजनाओं के प्रस्तावों में भी उन्हें लाभान्वित करने के लिए केन्द्र सरकार सहित राज्य शासन के सभी संबंधित विभागों को जानकारी भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री देवलाल दुग्गा द्वारा रखे गए उस प्रस्ताव को भी काफी महत्वपूर्ण बताया, जिसमें श्री दुग्गा ने राज्य में वन अधिकार मान्यता पत्र धारक दो लाख से अधिक वनवासियों को भी कृषि उपज मण्डी समितियों के मतदाता के रूप में मान्य किए जाने का सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकार मान्यता पत्र मिल जाने के बाद अब ये लोग अधिकृत रूप से किसान की श्रेणी आ गए हैं। राज्य सरकार उन्हें भूमि समतलीकरण सहित खेती के लिए भी हर संभव सहायता दे रही है। इसलिए कृषि उपज मण्डी समितियों में भी उन्हें मतदाता के रूप में मताधिकार मिलना चाहिए। डॉ. रमन सिंह ने इस सुझाव पर सैध्दांतिक सहमति प्रकट करते हुए इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर प्रदेश के राज्यपाल को भेजे जाने के लिए वित्तीय वर्ष 2008-09 और वित्तीय वर्ष 2009-10 के प्रतिवेदनों का भी अनुमोदन किया गया। दोनों प्रतिवेदन आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए हैं, जिनमें राज्य शासन के सभी विभागों द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में संचालित योजनाओं और विकास कार्यक्रमों की प्रगति पर समीक्षात्मक जानकारी शामिल की गयी है।

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    आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि वर्ष 2002 के बेस लाईन सर्वेक्षण के अनुसार पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, बैगा, कमार और अबूझमाड़िया जनजातियों के लोग 11 जिलों में निवास करते पाए गए थे, और उनकी परिवार संख्या 24 हजार 770 पायी गयी थी। वर्ष 2005-06 में हुए बेस लाईन सर्वेक्षण के अनुसार इन विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास अभिकरण क्षेत्रों में इनके परिवारों की संख्या बढ़कर 27 हजार 444 हो गयी, और अभिकरण क्षेत्र के बाहर नवीन चिन्हांकित बसाहटों में इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों के छह हजार 759 परिवार निवास करते पाए गए, हालांकि इस अवधि (वर्ष 2005-06 में) नक्सल समस्या के कारण अबूझमाड़िया जनजाति का नया सर्वेक्षण संभव नहीं हो पाया। वर्ष 2002-03 के बेस लाईन सर्वेक्षण के मुताबिक अभिकरण क्षेत्रों में इन पांचों विशेष पिछड़ी जनजातियों की परिवार संख्या 24 हजार 770 और वर्ष 2005-06 के सर्वेक्षण के अनुसार 27 हजार 444 थी, जबकि अभिकरण क्षेत्रों से बाहर निवास करते पाए गए छह हजार 759 परिवारों को मिलाकर अब इनकी परिवार संख्या 34 हजार 203 हो गयी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न आज की बैठक में अभिकरण क्षेत्रों से बाहर की बसाहटों में चिन्हांकित किए गए इन नये परिवारों को भी शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि वर्तमान में एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कार्यालयों में इनके लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया जाए, जिनमें परियोजना प्रशासकों को नोडल अधिकारी के रूप में दायित्व सौंपा जाए। बैठक में उदाहरण के रूप में बताया गया कि कमार विकास अभिकरण में अब तक रायपुर जिले के गरियाबंद, मैनपुर और छुरा विकासखण्ड और जिला धमतरी का नगरी विकासखण्ड शामिल हैं, जहां वर्ष 2002-03 के बेस लाईन सर्वेक्षण के अनुसार इनकी कुल परिवार संख्या तीन हजार 862 थी, जो वर्ष 2005-06 के बेस लाईन सर्वेक्षण में बढ़कर चार हजार 585 हो गयी, जबकि कमार अभिकरण से बाहर रायपुर जिले के ही फिंगेश्वर विकासखण्ड में 137, कसडोल विकासखण्ड में 25, महासमुन्द जिले के विकासखण्ड महासमुन्द में 373, बागबाहरा में 275 और विकासखण्ड पिथौरा में 23 कमार परिवारों को निवास करते पाया गया है। उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के विकासखण्ड नरहरपुर में 68 कमार परिवार पाए गए। इस प्रकार कमारों के 900 परिवार कमार विकास अभिकरण के वर्तमान कार्य क्षेत्र के बाहर निवास करते मिले हैं, जिन्हें मिलाकर कमार परिवारों की संख्या पांच हजार 485 हो गयी है। इसी तरह बैगा विकास अभिकरण का वर्तमान कार्य क्षेत्र कबीरधाम जिले के विकासखण्ड बोड़ला और पण्डरिया तथा जिला बिलासपुर के गौरेला, कोटा और लोरमी विकासखण्डों में हैं, जिनमें वर्ष 2002-03 के सर्वेक्षण में इनके नौ हजार 147 परिवार पाए गए और वर्ष 2005-06 के बेस लाईन सर्वेक्षण में इनकी परिवार संख्या बढ़कर दस हजार 349 हो गयी, जबकि वर्ष 2005-06 में हुए सर्वेक्षण में कोरिया जिले के विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़, खड़गवां और भरतपुर सहित राजनांदगांव जिले के विकासखण्ड छुईखदान को मिलाकर बैगा जनजाति के पांच हजार 420 नये परिवारों को चिन्हांकित किया गया, जिन्हें मिलाकर अब इस विशेष पिछड़ी जनजाति की परिवार संख्या 15 हजार 769 हो गयी है। बैठक में प्रदेश के गृह, जेल और सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर, पंचायत और ग्रामीण विकास तथा विधि मंत्री श्री रामविचार नेताम, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला और बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री सुश्री लता उसेण्डी, लोक सभा सांसद श्री सोहन पोटाई, प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव द्वय श्री महेश गागड़ा और श्री ओमप्रकाश राठिया तथा विधायकगण सर्वश्री सिध्दनाथ पैकरा, फूलचंद सिंह, जागेश्वर राम भगत, डमरूधर पुजारी, ब्रम्हानंद नेताम, सेवकराम नेताम, डॉ. सुभाऊ कश्यप, भीमा मण्डावी, श्रीमती सुमित्रा मारकोले और श्रीमती नीलिमा सिंह टेकाम सहित प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री पी. जॉय उम्मेन, अपर मुख्य सचिव श्री सरजियस मिंज, पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन और विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव तथा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



आदिवासी क्षेत्रों के लिए जनसंख्या के अनुसार बजट : डॉ. रमन सिंह

 रायपुर, 09 नवम्बर 2010

    मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां मंत्रालय में आयोजित आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा राज्य है जो आदिवासियों की जनसंख्या के अनुसार प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए राशि खर्च कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने कुल बजट का 32 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी क्षेत्रों में खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री ने मंत्रणा परिषद की बैठक को बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार और सरकारी नौकरियों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए वर्तमान प्रचलित नियमों में शिथिलीकरण और संशोधन का प्रस्ताव प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को भेजकर उनका मार्गदर्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद की बैठक में आज पारित किए गए सभी प्रस्ताव काफी महत्वपूर्ण हैं। राज्य की अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से इन सभी प्रस्तावों के दूरगामी और सकारात्मक परिणाम अवश्य मिलेंगे।
    बैठक में प्रदेश के गृह, जेल और सहकारिता मंत्री श्री ननकीराम कंवर, पंचायत और ग्रामीण विकास तथा विधि मंत्री श्री रामविचार नेताम, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला और बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री सुश्री लता उसेण्डी, छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री देवलाल दुग्गा, लोक सभा सांसद श्री सोहन पोटाई, प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव द्वय श्री महेश गागड़ा और श्री ओमप्रकाश राठिया तथा विधायकगण सर्वश्री सिध्दनाथ पैकरा, फूलचंद सिंह, जागेश्वर राम भगत, डमरूधर पुजारी, ब्रम्हानंद नेताम, सेवकराम नेताम, डॉ. सुभाऊ कश्यप, भीमा मण्डावी, श्रीमती सुमित्रा मारकोले और श्रीमती नीलिमा सिंह टेकाम सहित प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री पी. जॉय उम्मेन, अपर मुख्य सचिव श्री सरजियस मिंज, पुलिस महानिदेशक श्री विश्वरंजन और विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव तथा सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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